
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में तेज़ी से चल रहे औद्योगीकरण अभियान का मकसद साफ किया। उन्होंने कहा कि ये अभियान किसी बड़े कॉर्पोरेट हाउस जैसे अडानी, अंबानी या टाटा को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि असम के युवाओं के लिए स्थायी रोजगार और अवसर पैदा करने के लिए है।
“अब बाहर गार्ड की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी” – मुख्यमंत्री का संकल्प
CM सरमा ने कहा, “हम ऐसा असम बना रहे हैं जहाँ हमारे युवाओं को दूसरे शहरों में जाकर गार्ड की नौकरी नहीं करनी पड़े। वो यहीं रहकर असम के विकास में योगदान देंगे।”
ये बयान एक बहुत बड़ी सोच का संकेत है – पलायन को रोकना और स्थानीय स्तर पर मजबूत इकोनॉमी खड़ी करना।
Advantage Assam: वादा जो निभाया जा रहा है
सरमा ने बताया कि सरकार का यह विकास अभियान “Advantage Assam” Global Summit में किए गए वादों पर आधारित है। उस सम्मेलन में राज्य सरकार ने निवेशकों से औद्योगिक माहौल, इंफ्रास्ट्रक्चर और नौकरी निर्माण का वादा किया था।
आलोचना की परवाह नहीं, मिशन क्लियर है
सरमा ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ लोग सरकार की नीतियों की आलोचना कर सकते हैं, लेकिन उनका ध्यान स्थानीय युवाओं को असम में ही अवसर दिलाने पर है।
“लोग आलोचना करेंगे, लेकिन हम अपने युवाओं को वापस लाएँगे और उन्हें यहीं अवसर देंगे,” – हिमंत बिस्वा सरमा
असम की नई दिशा: अब निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर बनेगा राज्य
यह बयान उस समय आया है जब राज्य में औद्योगिक नीति, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और निवेश घोषणाओं की एक लहर चल रही है। इसका मकसद है:

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स्थानीय रोजगार सृजन
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आर्थिक आत्मनिर्भरता
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युवाओं को वापस लाना
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रोज़गार आधारित विकास मॉडल तैयार करना
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